IndiGoReach working towards the socio-economic empowerment of women in Assam & Meghalaya

 IndiGo’s CSR arm, IndiGoReach in partnership with Grameen Sahara has been working towards the development of a socio-economic ecosystem to support 1,670 tribal women across 24 villages in Assam and Meghalaya.  The program empowered women farmers to better promote spices, mainly turmeric, ginger, black pepper, and king chilli, to substantially increase their annual income. These women hail from the villages in the Assam-Meghalaya border areas in Kamrup and Ri Bhoi districts.

IndiGoReach constantly strives to address issues that span across initiatives they care about—everything from education to empowerment to social aid that reaches the people who need it the most. And the solutions are as diverse as the issues at hand. Hence, IndiGo reach decided to partner with Grameen Sahara, as they come with extensive experience of working on livelihood promotion in the region. Through this association, they have been able to work on providing institutional support to women by creating women farmers institutions by advocating best practices that will enhance the volume with consistent production for farmers. 

Speaking about the initiatives of the CSR program, Sukhjit Pasricha, Chief Human Resource Officer, IndiGo, said, “Women Empowerment is one of the 4 pillars of the Corporate Social Responsibility (CSR) interventions at IndiGo. We have been working in the domain of women empowerment since the last 4-5 years across the country. Our focus has been to help women increase their income and correspondingly bring about positive changes in their lives. We found the right partner in Grameen Sahara and together we have been able to meaningfully impact the lives of 1670 families with a 90% increase in their income. We have helped set up two Farmers’ Producers Organisation which will ensure sustainability of the initiative and leverage support from wider stakeholders during and after the project. We believe in positively impacting the communities to bring about holistic growth across various segments of the society, spurring socio-economic growth of our country.”

North East India is a very important for IndiGo and its 1st commercial aircraft was operated on 4th August, 2006 between Delhi to Guwahati and Imphal. The fact that IndiGo has been passionately involved with the region through their business or through their CSR programs, has contributed to bring some of the best corporate governance practices and learnings from across the country to the region.

Some of the government schemes that project beneficiaries accessed were Ujjwala Yojana, under which LPG connections are distributed to women from Below Poverty Line families; Jandhan Yojana which provides affordable access to financial services like bank accounts, remittances, credit, insurance and pensions, Kisan credit card Yojana which helps farmers acquire short-term loans; Widow Pension Yojana and Antyodaya Anna Yojana that supplies highly subsidized food to millions of the poorest families.


इॊडडगोयीच असभ औय भेघारम भें भडहराओॊ का साभाजजक-आर्थिक सशक्तीकयण कय
यहा है
नेशनर, 08 नवॊफय, 2022: इॊडडगो का सीएसआय आभि, इॊडडगोयीच ग्राभीण सहाया के साथ साझेदायी भें असभ
औय भेघारम के 24 गाॉवों भें1,670 आडदवासी भडहराओॊ को सहमोग देने के र्रए एक साभाजजक आर्थिक
ऩरयवेश का ववकास कय यहा है। इस कामिक्रभ ने भडहरा डकसानों को भसारों, भुख्मत् हल्दी, अदयक, कारी
र्भचि, औय डकॊ ग र्चरी को फढावा देने भें सभथि फनामा, ताडक उनकी वावषिक आम फढाई जा सके । मे भडहराएॊ
असभ औय भेघारम के सीभावती इराकों भें काभरूऩ औय रय बोई जजरे के गाॉवों भें यहती हैं।
इॊडडगोयीच र्नयॊतय अऩने अर्बमानों द्वाया ववर्बन्न सभस्माओॊ का सभाधान कयने का प्रमास कयता है। मह र्शऺा
से रेकय सशक्तीकयण औय साभाजजक सहमोग के ऺेत्रों भें अऩने कामक्रि भों द्वाया उन रोगों को राब ऩहुॉचाता
है, जजन्हें भदद की सफसे ज्मादा जरूयत है। मे सभाधान उतने ही ववशार हैं, जजतनी ववशार सभस्माएॊ हैं।
इसर्रए इॊडडगोयीच ने ग्राभीण सहाया के साथ साझेदायी कयने का र्नणिम र्रमा क्मोंडक उनके ऩास इस ऺेत्र भें
आजीववका भें भदद कयने का ववस्तृत अनुबव है। इस सहमोग के द्वाया वो भडहराओॊ को सॊस्थागत सहमोग
प्रदान कय सकें गे औय भडहरा डकसान सॊगठनों का र्नभािण कय सविश्रेष्ठ ववर्धमों को फढावा दे सकें गे, जजससे
डकसानों के र्रए रगाताय उत्ऩादन कयते हुए वॉल्मूभ फढेगा।
सीएसआय कामिक्रभ के अर्बमानों के फाये भें सुखजीत ऩर्िचा, चीप ह्यूभन रयसोसि ऑडपसय, इॊडडगो ने कहा,
‘‘भडहरा सशक्तीकयण इॊडडगो भें कॉऩोयेट सोशर रयस्ऩॉजन्सवफर्रटी (सीएसआय) अर्बमान के चाय स्तॊबों भें से
एक है। हभ वऩछरे4-5 सारों से ऩूये देश भें भडहरा सशक्तीकयण के ऺेत्र भें काभ कय यहे हैं। हभ भडहराओॊ
को अऩनी आम फढाने भें भदद कयने औय उनके जीवन भें सकायात्भक फदराव राने ऩय कें डित हैं। ग्राभीण
सहाया के साथ हभें एक सही साझेदाय र्भर गमा है औय हभ र्भरकय 1670 ऩरयवायों की आम भें90 प्रर्तशत
की वृवि के साथ उनके जीवन भें सकायात्भक ऩरयवतिन रा यहे हैं। हभ दो कृ षक उत्ऩादक सॊगठनों की
स्थाऩना भें भदद कय चुके हैं, जजससे इस अर्बमान की सस्टेनेवफर्रटी सुर्नजित होगी औय प्रोजेक्ट के दौयान
एवॊ उसके फाद ज्मादा अॊशधायकों का सहमोग र्भर सके गा। हभ सभुदामों ऩय सकायात्भक प्रबाव उत्ऩन्न कयने
औय सभाज के ववर्बन्न सेगभेंट्स भें उनका सभग्र ववकास कयने भें मकीन कयते हैं, ताडक हभाये देश के
साभाजजक-आर्थिक ववकास को फढावा र्भरे।’’
उत्तय-ऩूवि बायत इॊडडगो के र्रए एक फहुत भहत्वऩूणि फाजाय है, औय महाॉ ऩय इसका ऩहरा कभर्शिमर
एमयक्राफ्ट 4 अगस्त, 2006 को डदल्री से गुवाहाटी औय इम्पार के र्रए शुरू हुआ था। इस ऺेत्र भें इॊडडगो
अऩने वफज़नेस औय अऩने सीएसआय कामिक्रभों द्वाया गहनता से सॊरग्न है, जजससे इस ऺेत्र भें ऩूये देश से
सविश्रेष्ठ कॉऩोयेट गवनेंस की ववर्धमों औय सीख का इस्तेभार कयने भें भदद र्भरी है।
इस प्रोजेक्ट के डहतग्राडहमों को राब ऩहुॉचाने वारी कुछ सयकायी मोजनाओॊ भें हैं- उज्जवरा मोजना, जजसके
तहत गयीफी येखा से नीचे यहने वारे ऩरयवायों की भडहराओॊ को भुफ्त एरऩीजी कनेक्शन डदए जाते हैं; जनधन
मोजना, जजसके अॊतगित फैंक खाता, येर्भटैंस, क्रे डडट, फीभा औय ऩेंशन, डकसान क्रे डडट काडि मोजना जैसी ववत्तीम
सेवाएॊ उऩरब्ध कयाई जाती हैं, जजससे डकसानों को अल्ऩकार्रक रोन प्राप्त कयने भें भदद र्भरती है; औय
ववधवा ऩेंशन मोजना एवॊ अॊत्मोदम अन्न मोजना, जजसके द्वाया राखों गयीफ ऩरयवायों को अत्मर्धक रयमामती
दयों ऩय खाने की आऩूर्ति की जाती है।